khandelwal Dharamshala

khandelwal Dharamshala Nirman Samiti Gwalior.

समाज का संगम, सेवा का केंद्र .....

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Our History

हमारी धरोहर — खंडेलवाल धर्मशाला

वर्ष 1971... एक सपना जन्म ले रहा था — ऐसा सपना जो सिर्फ ईंट-पत्थरों का नहीं था, बल्कि समाज की एकता, सेवा और संस्कारों का प्रतीक बन सके। इस सपने को साकार करने का बीड़ा उठाया समाज के श्रद्धेय स्वर्गीय श्री कन्हैया लाल जी मेहरवाल ने।
उन्होंने सभी समाज बंधुओं के सहयोग से इस धर्मशाला को सिर्फ खरीदा नहीं, उसे अपने खून-पसीने से सींचा, अपने समर्पण से गढ़ा। उनकी सोच दूरगामी थी — एक ऐसा स्थान जहां समाज एकजुट हो, एक ऐसी धरोहर जो आने वाली पीढ़ियों को हमारी परंपराओं से जोड़े रखे।
इस पवित्र कार्य में उन्होंने न केवल अपना तन, मन और धन अर्पित किया, बल्कि जब आवश्यकता पड़ी, तो समाज के अन्य सदस्यों का जिसमे विसेष रूप से स्वर्गीय श्री रघुवरदयाल पगुवाल जी,स्वर्गीय श्री गणेशी लाल रावत जी, स्वर्गीय श्री जगन्नाथ प्रसाद रावत जी,स्वर्गीय श्री गोकुल प्रसाद दूसाद जी एवं स्वर्गीय श्री रामचंद किलकिलिया जी का भी सहयोग लिया। यह कोई साधारण इमारत नहीं थी, यह एक भावना थी — "हम सब एक हैं।"
आज जिस भवन को हम "खंडेलवाल धर्मशाला" के नाम से जानते हैं, वह श्री कन्हैया लाल जी के त्याग, सोच और समाज के प्रति प्रेम की जीवंत मिसाल है। यह धर्मशाला न केवल हमारे कार्यक्रमों की साक्षी है, बल्कि हमारी जड़ों, हमारी एकता और हमारे गौरव की प्रतीक भी है।
यह सिर्फ एक इमारत नहीं...
यह हमारी पहचान है, हमारी विरासत है।

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Our Mission & Vision

दृष्टि (Vision):

एक आधुनिक, सुसज्जित एवं सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला का निर्माण, जो ग्वालियर के समस्त खंडेलवाल समाज – पुरुषों, महिलाओं एवं युवाओं – को एकजुट कर, पारस्परिक सहयोग, सांस्कृतिक मूल्यों एवं सेवा भावना को प्रोत्साहित करे।

लक्ष्य (Mission):


समाज की एकता:

खंडेलवाल समाज के सभी वर्गों को एक सूत्र में बाँधकर, धर्मशाला को समाजिक गतिविधियों, सांस्कृतिक आयोजनों व आपसी मेल-मिलाप का केंद्र बनाना।

आधुनिक निर्माण:

पुरानी धर्मशाला के स्थान पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त एक ऐसी इमारत का निर्माण करना जो वर्तमान व भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करे।

सभी के लिए सुलभ:

महिला, पुरुष, वरिष्ठजन व युवा – सभी के लिए उपयोगी एवं सुलभ सुविधा केंद्र बनाना।

संस्कृति एवं सेवा का संवर्धन:

धर्मशाला को सिर्फ एक विश्राम स्थल न बनाकर, सेवा कार्यों, धार्मिक आयोजनों और सामाजिक गतिविधियों का मंच बनाना।

सहयोग और भागीदारी:

धर्मशाला के निर्माण व संचालन में समाज के हर सदस्य की भागीदारी सुनिश्चित करना, जिससे हर व्यक्ति इसे “अपना स्थान” महसूस करे।

इतिहास का सम्मान:

धर्मशाला के गौरवशाली इतिहास को संजोते हुए, आने वाली पीढ़ियों के लिए इसे प्रेरणा का स्रोत बनाना।

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Basant Utsav is a vibrant spring festival celebrated with music, Cultural dance and joy

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Sant Sundardas Ji Maharaj Jayanti

Sant Sundardas Ji Maharaj Jayanti honors the saint teachings of devotion, knowledge, and truth, celebrated with prayers and spiritual gatherings.

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Diwali Milan & Annkut

Diwali Milan and Annkut celebrate togetherness with lights, sweets, and a grand offering of various dishes to deities and guests.

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Spritual Leaders

Our Visionaries

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स्व. श्री कन्हैयालाल जी खंडेलवाल (मेहरवाल)

संरक्षक

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स्व.श्री रघुवरदयाल जी खंडेलवाल(पगुवाल)

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स्व.श्री रामचंद जी खंडेलवाल(किलकिलिया)

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स्व.श्री गोकुलप्रसाद जी खंडेलवाल(दूसाद)